प्रधान संपादक नरेश सिंह
पचलंगी _:राजस्थान के चार जिलों से बहने वाली काटली नदी को अवैध खनन और अतिक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार व सबंधित जिला कलक्टर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। प्राधिकरण में काटली नदी में अवैध खनन और अतिक्रमण को लेकर अमित कुमार व कैलाश मीणा ने याचिका लगाई थी। इस पर 15 मार्च को हुई पहली - सुनवाई में एनजीटी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, सबंधित जिला कलक्टरों सहित अन्य विभागों को चार सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए है। एनजीटी ने नीमकाथाना, सीकर, झुंझुनूं व चूरू जिले में लगभग 115 किमी बहने वाली काटली नदी के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण आदेश भी दिए। अवैध खनन व अतिक्रमण से बदला काटली का स्वरूप,
काटली नदी सीकर के खंडेला के पहाड़ों से शुरू होकर अरावली क्षेत्र के बहुत बड़े भू भाग से गुजरते हुए चूरू जिले के राजगढ़ तक बहती हैं।
पचलंगी. अवैध खनन से काटली में बनी गहरी खाई।
एनजीटी ने यह दिए आदेश
एनजीटी ने प्रशासन, पर्यावरण एवं जल संरक्षण से जुड़े पांच विभागों के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित करने का आदेश दिया। याचिका करता कैलाश मीणा ने बताया कि एनजीटी के आदेश अनुसार यह समिति काटली नदी की वास्तविक स्थिति और राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन व अतिक्रमण को रोकने के लिए की गई कार्रवाई की एक रिपोर्ट तैयार कर पेश करेगी। इस विशेषज्ञ समिति में जल संसाधन और भूजल विभाग, केंद्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला कलक्टर सीकर के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। प्राधिकरण ने संयुक्त समिति को 6 सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी मामले में 7 मई को अगली सुनवाई करेगी।
इस नदी के बेसिन में कई छोटी नदियां जैसे दोहान, डोगर, चद्रावती, लोहारगल की नदी, बूढीनाला, सुख नदी (सिंघाना नदी) और सहावी आदि शामिल होती है। काटली नदी का कैचमेंट एरिया लगभग 746 वर्ग किलोमीटर है। इस नदी के बहाव क्षेत्र में अनियंत्रित और अवैध खनन गतिविधियां होने से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इससे नदी में पानी का
अवैध खनन से छलनी हो रहा नदी क्षेत्र
काटली नदी में अतिक्रमण व अवैध खनन को लेकर जाग्रत न्यूज ने लगातार समाचार प्रकाशित किए। इसके बाद मामला हाइकोर्ट में भी पहुंचा। प्रशासन ने भी कई बार कार्रवाई की। अतिक्रमण से बहाव रुक गया है। नदी का पूरा इको सिस्टम बिगड़ रहा है। वर्तमान में काटली नदी निर्जीव होने से पूरे क्षेत्र में भूजल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। इस क्षेत्र में बसने वाली आबादी का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है कातली नदी का बहाव क्षेत्र
एक टिप्पणी भेजें