विश्व दुग्ध दिवस :- ऑर्गेनिक दूध वर्तमान की जरूरत:- डॉ प्रमोद
Jagratnews (pradeep Gadhwal)।राजस्थान (23.37 मिलियन टन) का दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश के बाद में दूसरा नंबर है तथा पर कैपिटा (870 ग्राम/दिन) दुग्ध उत्पादन उत्पादन में पंजाब के बाद में दूसरा स्थान है । पशुपालकों को दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए कर्मी नाशक दवा देने, संतुलित आहार देने व पशु को वातावरणीय स्ट्रेस से बचाते हुए अधिकतम उत्पादन ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान व चयनित ब्रीडिंग से नस्ल सुधार करके दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। डॉ सुखवीर ने दुग्ध दोहन की विधियो से अवगत कराया व स्वच्छ दुग्ध उत्पादन करने पर जोर दिया। डॉ. विपिन चंद्र ने ने बताया कि मिलावटी दूध में विभिन प्रकार के पदार्थो की मिलावट जैसे पानी, यूरिया, स्टार्च, कास्टिक सोडा, रिफाइंड तैल, फॉर्मेलिन इत्यादि के बारे में बताते हुये सामान्य दूध व मिलावटी दूध में अंतर तथा मिलावटी दूध की घर पर ही जांच कैसे करें व मिलावटी दूध का मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव के बारे में बताया तथा पशुपालकों को ऑर्गेनिक मिल्क के उत्पादन हेतु जागरूक किया। यह जानकारी राजस्थान पशु चिकित्सा एंव पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा संचालित पशु विज्ञान केंद्र झुंझुनू के केंद्र के प्रभारी डॉ प्रमोद कुमार ने दी।
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