बैकयार्ड कुक्कुट के बारे में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया।
Jagratnews.(Pradeep Gadhwal)
पशु विज्ञान केंद्र , सिरियासर कलां, झुंझुनू के द्वारा बैकयार्ड कुक्कुट पालन पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि घर के पिछवाड़े में या डेयरी व्यवसाव के साथ बैकयार्ड कुक्कुट पालन करके पशुपालक अपना जीवन स्तर को ऊँचा उठा सकते है। देशी अंडे व माँस जो कि प्रोटीन के बहुत ही अच्छा स्त्रोत हैं, उनकी आपूर्ति हेतु बैकयार्ड कुक्कुट पालन को अपनाने पर जोर दिया। केंद्र के डॉ विपिन चंद्र ने बताया कि भारत का दुनिया में अंडे उत्पादन में तीसरा व मांस उत्पादन में पांचवा स्थान है। बैकयार्ड पोल्ट्री फार्म इसमें 17.8% योगदान है। बैकयार्ड मुर्गी पालन में मुर्गियों की असील, कड़कनाथ जैसे देसी नस्ल की मुर्गीयों का पालन किया जा सकता है। डॉ विपिन चन्द्र ने उनके आवास, ब्रुडिंग , पोषण, टीकाकरण तथा कुक्कुट में डिवॉर्मिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुर्गियों को आहार के रूप में हरे चारे, घर में फल -सब्जी के छिलके, अनाज जैसे मक्का के दाने और खरपतवार के दाने देकर भी पाला जा सकता है। एक मुर्गी को 15 से 20 ग्राम आहार के रोजाना सुबह शाम जरूरत होती है, अंडे देने वाले पक्षी के लिए अलग से कैल्शियम शेल ग्रिड व लाइम पाउडर के रूप में दिया जा सकता है। डॉ सुखवीर सिंह ने सभी पशुपालकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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