गिलोय के कुछ जबरदस्त फायदे
जाग्रत न्यूज (प्रदीप गढवाल)। गिलोय कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर है, जो कई तरह के रोगों में चमत्कारी लाभ पहुंचाता है। गिलोय के गुण जानकर वैज्ञानिक भी है हैरान इस्तेमाल से कई प्रकार की बीमारियों से पाए मुक्ति पाई जा सकती हैं।हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं।इसलिए गिलोय का सेवन करने का सही तरीका मालूम होना बहुत जरूरी है।आज हम आपको गिलोय के कुछ जबरदस्त फायदे बताने जा रहे हैं, जो आपकी कई समस्याओं को दूर कर सकता है।
यह गुणकारी पौधा जो आपके आसपास है लेकिन आप अनजान हैं उसके गुणों से उसके प्रभाव से। उससे लगाने के लिए कोई बड़ी जगह की आवश्यकता नहीं होती हैं। आप आसानी से उसे अपने घर बगीचे या खेत में लगा सकते है। गिलोय को स्थानीय भाषा में गडुची, गिलोय, अमृता के नाम से जाना जाता हैं। इसके उपयोग से कई छोटी-छोटी बीमारियां आपके नजदीक भी नहीं फटकती हैं और कोरोना महामारी में यह कारगर उपयोगी साबित हो रही है। इसके गुणकारी उपयोग को विज्ञान ने भी माना है।
गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज मात्रा में मिलता हैं।
गिलोय के मानव पर प्रभाव-
इसका मुख्य प्रभाव टॉक्सिन (विषैले हानिकारक पदार्थ) पर पड़ता है और यह हानिकारक टॉक्सिन से जुड़े रोगों को ठीक करने में असरदार है।
गिलोय का काढ़ा कैसे बनाये-
आवश्यकता अनुसार गिलोय का डंठल और पत्ती
थोड़ा सा तुलसी पत्ता,2दालचीनी का टुकड़ा,अदरक,1 चम्मच अजवाइन 7-8 काली मिर्च सबसे पहले अदरक और काली मिर्च को चूर ले।अब दो कप पानी में 15 मिनट के लिए गिलोय,अजवाइन,काली मिर्च,तुलसी पत्ता,अदरक,दालचीनी को डालकर फुलने दें अब गैस पर चढ़ाकर एक उबाल आने दें उसके बाद आँच को धीमा कर के 15 से 20 मिनट तक उबलने दें काढ़ा दो कप से एक कप हो जाएगा तो घरेलू काढ़ा तैयार है।
गिलोय के क्या फायदे हैं -
1.आँखों की रौशनी बढाने में -
10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद व सेंधा नमक मिलाकर खूब अच्छी प्रकार से पीसे ।इसे आँखों में काजल की तरह लगाएं। इससे अँधेरा छाना, चुभन, और काला तथा सफेद मोतियाबिंद रोग ठीक होते हैं। ( आयूर्वेद चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ले)
गिलोय रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनायें। 10-15ml काढ़ा में एक ग्राम पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है।
2.हिचकी आने से रोकने मे-
गिलोय चूर्ण व सोंठ के चूर्ण की को आपस मे बारिक बना लें फिर दूध मे मिलाकर पिने से भी हिचकी आना बंद हो जायेगी है।
3.टीबी रोकने मे फायदेमंद
अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल, बलामूल, अडूसा, पोहकरमूल तथा अतीस को बराबर भाग लेकर इसका काढ़ा बनाएं। 20-30 मिली काढ़ा को सुबह और शाम सेवन करने से टीबी रोग मे निजात मिलती है। यह प्रयोग के दौरान टीबी रोग मरीजों को दूध का सेवन करना चाहिए।
4.उलटी रोकने में -
एसिडिटी के कारण उलटी हो तो 10 ml गिलोय रस में 5-7 gm मिशरी मिला लें। इसे सुबह और शाम पीने से उलटी बंद हो जाती है। गिलोय के 125-250 मिली चटनी में 15 से 30 ग्राम शहद मिला लें।तीन बार सेवन करे । 20-25 ml अमृता के काढ़ा में शहद मिलाकर पीने से बुखार के कारण होने वाली उल्टी मे राहत मिलती है।
5.कब्ज व अपच में राहत के लिए-
कब्ज और अपच रोगियों को आधा से एक चम्मच गिलोय चूर्ण को गर्म पानी के साथ रात में सोने से पहले लें। इसके नियमित सेवन से कब्ज़, अपच और एसिडिटी आदि पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम मिलता है।
6.बवासीर ठीक करने में-
गिलोय तथा धनिया व हरड़ को बराबर भाग 25gm लेकर आधा लीटर पानी में गर्म करें।जब यह तरल कुल का एक चौथाई रह जाय तो काढ़ा बन जाता हैं। इस काढ़ा में गुड़ डाले और सुबह और शाम पीने से बवासीर की बीमारी ठीक होती है।
7.पीलिया व हाथीपांव रोग में
गिलोय का जूस एक लीटर, गिलोय के तने का पेस्ट 250 ग्राम, चार दूध लीटर और 1kg घी लेकर धीमी आँच पर पका लें। तब तक पकाएं जब तक केवल कडाई मे घी रह जाए फिर इसे छानकर रख लें। इस घी की 10 gm मात्रा को चौगुने गाय के दूध में मिलाकर सुबह और शाम पीने से खून की कमी, पीलिया एवं हाथीपाँव रोग में लाभ होता है।
8.लीवर की समस्या दूर करने के लिए-
गिलोय सत्व का सेवन लीवर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ़ करती है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। इस तरह यह लीवर के कार्यभार को कम करती है और लीवर को स्वस्थ रखती है। गिलोय के नियमित सेवन से लीवर संबंधी गंभीर रोगों से बचाव होता है। एक से दो चुटकी गिलोय रस को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार इस्तेमाल करें।
9.मधूमेह कंट्रोल के लिये-
गिलोय जूस ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है, इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन को कम करती है।यह मधूमेह कंट्रोल लिए बहुत उपयोगी औषधि है।
डायबिटीज के लिए आप दो तरह से गिलोय का सेवन कर सकते हैं।दो से तीन चम्मच गिलोय जूस (10-15ml) को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।आधा चम्मच गिलोय चूर्ण को पानी के साथ दिन में दो बार खाना खाने के एक से डेढ़ घंटे बाद लें।
10.पेशाब( रूक रूक आना) रोग से निजात-
गुडूची के 10-5 ml जुस में 2 ग्राम पाषाण भेद( आयुर्वेद जड़ी बूटी) चूर्ण और एक चम्मच शहद मिला लें। इसे दिन में तीन-चार बार सेवन करने से रुक-रुक कर पेशाब होने की बीमारी में लाभ होता है
11.गठियाबाय में लाभदायक-
गठियाबाय से आराम दिलाने में गिलोय जूस और गिलोय का काढ़ा दोनों ही उपयोगी हैं। दो से तीन चम्मच (10-15ml) गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसके अलावा अगर आप काढ़े का सेवन कर रहे हैं तो गिलोय का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिलाएं और दिन में दो बार खाने के बाद इसका सेवन करें।
12.सूखी खांसी-
खांसी से आराम पाने के लिए गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ उसका सेवन करें। इसे दिन में दो बार खाने के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है।
13.कफ से आराम
गिलोय को मधु के साथ सेवन करने से कफ की परेशानी से आराम मिलता है।
14.तेज बुखार में -
आमतौर पर तेज बुखार डेंगू की वजह से होता है मच्छर मादा एनाफिलीज किसी को काट लेता है जिसके बाद मरीज को तेज बुखार आता है। डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रुप में गिलोय का सेवन करना सबसे ज्यादा कारगर हैं। गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं साथ ही यह इम्युनिटी पावर की तरह कार्य करती है।
15.बुखार में गिलोय का सेवन कैसे करें-
दो से तीन चम्मच गिलोय जूस (Giloy juice) को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाने से एक-डेढ़ घंटे पहले लेंने से बुखार मे आराम मिलता हैं।
16.एनिमिया दर्द सांस उखड़ना रोकने मे कारगर
पुनर्नवा, नीम की छाल, पटोल के पत्ते, सोंठ, कटुकी, गिलोय, दारुहल्दी, हरड़ को 20 ग्राम लेकर 320 मिली पानी में पकाकर काढ़ा बनायें। इस काढ़ा को 20 मिली सुबह और शाम पीने से पीलिया, हर प्रकार की सूजन, पेट के रोग, बगल में दर्द, सांस उखड़ना तथा खून की कमी में लाभ होता है।
17.कान की सफाई करने में-
गिलोय को अच्छी तरह से कूटकर पानी में गरम करे इसके बाद दो बूंद दिन में दो बार अपने कानों में डालें। यह कान की सफाई में काफी मदद करता है।
गिलोय का सेवन करने का तरीका-
काढ़ा – 20-30 मिली
रस – 20 मिली
(चिकित्सक के परामर्शानुसार इस्तेमाल करें)
गिलोय से क्या नुकसान -
किसी भी चीज के साइड इफेक्ट होते हैं उन्हें जानना भी जरूरी है तो आइए जानते हैं
1. गर्भवती महिलाओं को नुकसान
गर्भावस्था के दौरान महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
2. लो डायबिटीज रोगियो को नुकसान
गिलोय डायबिटीज (मधुमेह) कम करता है। इसलिए जिन्हें कम डायबिटीज की शिकायत वो व्यक्ति गिलोय का सेवन न करे
3.कम रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) वालें मरीज सेवन ना करे-
लो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
जाग्रत न्यूज़ नोट- गिलोय के सही प्रकार से सेवन न करने से नुकसान हो सकते हैं लेकिन बहुत कम मात्रा में होते हैं अगर आपको किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर को ज़रुर सूचित करें।
एक टिप्पणी भेजें