जाग्रत न्यूज। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन की रणनीति के तहत झुन्झुनू जिले के सभी टोल नाके किसानों नेे मुफ्त करवा दिए थे व जयपुर राजमार्ग के ढिगाल टोल नाके पर किसान धरने के जरिये 56 से अधिक दिनों से टोल मुक्त करवा रखा था। शनिवार दोपहर को झुन्झुनू के प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर धारा 144 का हवाला देकर जबरन टोल बूथ शुरु करवा दिया जिसके साथ जिले के सभी टोल नाके शुरु हो गए व इसी के साथ जिले की राजनीति गरमा गई। इस मुद्दे पर मरुसेना के प्रदेशाध्यक्ष जयन्तमूण्ड ने कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में जिला प्रशासन ने किसानों के आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया है जो निंदनीय है। प्रशासन जिले के टोल माफियाओं से मिला हुआ है। जिला प्रशासन कांग्रेस के नेताओ के इशारों पर किसानों के साथ नाइंसाफी की है जिसका खामियाजा जिले के नेताओं व प्रशासन को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस के नेताओं ने किसानों के पक्ष में सिर्फ फ़ोटो वाली राजनीति की है व रैलियों के ड्रामे किये है,आज टोल जबरन खुलवाने की प्रशासन ने हिमाकत की लेकिन एक भी नेता नही बोला। झुन्झुनू जिले में बढ़ते बेलगाम अपराध,खनन व शराब माफियाओं से धारा 144 को खतरा नही है लेकिन आम जनता की जेब पर बढ़ रहे बोझ को कम करने के लिए बन्द करवाये गए टोल बूथों से धारा 144 को खतरा है।जाग्रत न्यूज सेे जयन्तमूण्ड ने कहा कि प्रशासन ने टोल माफियाओं से पैसा लेकर किसान आंदोलन को कुचलने के प्रयास किया है जिसके विरुद्ध नोजवान साथियों की गांव-गांव में टोलियां बनाई जाएंगी। इसी प्रशासन के दफ्तरों के सामने एक विशाल किसान आक्रोश रैली करके दिखाएंगे कि किसानों के साथ पंगा गलत ले लिया है।
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