झुंझुनू। अगर आप बकरी पालन करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। बकरी के हीट/ ताव पीरियड के दिनों में ( 10 से 15 दिन) पहले अच्छी खुराक देने से ( फ्लशिंग डाइट) दो , तीन और उस से अधिक बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है । बकरी के दूध में बीमारियों से लड़नी की क्षमता होती हैं। शनिवार को पशु विज्ञान केंद्र झुंझुनूं में आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया । शिविर में केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बकरी पालन में प्रजनन संबंधी जानकारी दी। गर्भपात व ब्रुसेलोसिस जैसी भयंकर बीमारी तथा अन्य सक्रमण बीमारियो से बचाव के उपाय बताएं l उन्होंने बताया कि हीट/ ताव के पीरियड से 10 से 15 दिन पहले अच्छी खुराक देने से ( फ्लशिंग डाइट) दो , तीन और उस से अधिक बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है । बकरी के दूध में बीमारियों से लड़नी की क्षमता होती हैं। डेंगू बुखार में प्लेटलेट बढ़ाने के काम मे प्राय प्रयोग में लिया जाता है । शिविर में केन्द्र के डॉ. कमल मोहन ने बकरी पालन इकाई कैसे स्थापित करें नस्ल का चुनाव कैसे करें तथा बकरियों में अर्ध खुले प्रकार की आवास व्यवस्था के फायदे तथा मौसम अनुसार सर्दी, गर्मी तथा बरसात में बकरियों की स्वास्थ्य रक्षा कैसे करें आदि के बारे में बताया। केन्द्र के डॉ. सुखवीर सिंह ने बकरियों के लिए बाड़े के निर्माण के मापदंड विटामिन्स व मिनरल्स का महत्व तथा मेमनों का पालन पोषण कैसे करें आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा बकरियों में कृमि रोग जैसे कॉक्सिडियोसिस आदि के बारे में बताया। शिविर के अंत में पशुपालकों की एक प्रतियोगिता करवाई गई जिसमें शीशराम जी, विजेंद्र सिंह जी व अनीता जी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। शिविर में जिले के 30 पशुपालकों ने भाग लिया।
एक टिप्पणी भेजें